Month: August 2013
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वो देखो उससे रूठकर उसका बचपन जा रहा हे
कल सुबह एक बच्चा मेरी चाय लेकर आया था शlयद उस चाय ने ही उसका बचपन जलाया था कुछ उसकी आठ या नो साल उम्र रही होगी ये सब देख उसकी माँ पर क्या गुजर रही होगी वो भी उसे सबकी तरह पड़ना चाहती हे उसे इस उम्र में कम करता देख पछताती हे उसे…
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योगेन्द्र सिंह यादव
योगेन्द्र सिंह यादव शिवाजी , लक्ष्मीबाई , भगत सिंह कि बात अब पुरानी है , मैं आज सुनाता हूँ तुम्हे नई अब जो कहानी है | अब भी हमारे रगों में जोश का उफान है , अब भी हमारे सीने में देशभक्ति का तूफान है | नसों में है बिजलिया आँखों में अंगार है ,…
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हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं
हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं सतरंगी सिकाफत किस मुल्क से ज्यादा नहीं ? हवा में खुशबू सारे जहां से ज्यादा यहाँ हर मुल्क से ज्यादा त्योंहार यहाँ मजहबों का संगम यहाँ नफासत से भरी बोली यहाँ खुदगर्जों के जहन में कीड़े कुलबुलाने लगे नफरत…
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अर्पित करूँ मैं क्या तुझे ओ देश मेरे
अर्पित करूँ मैं क्या तुझे ओ देश मेरे अर्पित करूँ मैं क्या तुझे ओ देश मेरे तू बता , ओ देश तेरी शान से बढ़कर मुझे कुछ भी नहीं | मैं माँ कहूँ माटी कहूँ या कह रहूँ तुझको ख़ुदा , ओ देश तेरे नाम से बढ़कर मुझे कुछ भी नहीं | सुर में सभी…
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जिनगी
जिनगी तरई के गाँव में ,चन्दा नहाय रहा । मछरी के पोखर में ,दिनकर ठंडाय रहा । जिनगी के ककहरा में देस अऊ गांव समाय रहा । अइसन मोह अऊ बिछोह जियरा छटपटाय रहा । तरई के गाँव में ,चन्दा नहाय रहा । मछरी के पोखर में ,दिनकर ठंडाय रहा । मनवा क गतिया दिनवा…
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नयी अलख जगाना है …………।
“नयी अलख जगाना है ” उठो ऐ देश वासियों नया चमन बसाना है दिलों में मातृभूमि की नयी अलख जलाना है सीमा पर चल रही है नफरत की ,ऐसी आधियाँ कतरा कतरा खून से लिख रही कहानियाँ, साँस साँस सख्त है ये आया कैसा वक़्त है अब जर्रा जर्रा द्वेष की बँट रही है ,निशानियाँ…