Month: September 2018

  • देख तमाशा हिन्दूसस्थान का,

    देख तमाशा हिन्दूसस्थान का, अपने ही ज़मीं पे नारा लगे, परायी मुल्क पाकिस्तान का, देख तमाशा हिन्दूसस्थान का । स्वच्छ भारत का नारा लगे, बात चली नारी के स्वाभीमान का, शौचालय तो खूब बने, फिर भी राह करे खेत खलीहान का, देख तमाशा हिन्दूसस्थान का । धर्म के नाम पर दंगे फसाद, हिंसा लूट चारों…

  • द्रोपदी  का पत्र

    द्रोपदी का पत्र

    प्रिय नारी तुझे अबला कहो, सबला या बेचारी क्षमा करना देवी तेरी भावनाओ को आहत करने की मंशा नहीं हैं इस वीभत्स पुरष का अनाचार अभी तक रुका नहीं हैं मैं सोच रही थी कि अगर उस समय भी सविधान होता तो में कोर्ट के चक्कर लगाती रहती और दुशासन बड़ी शान से बरी होता…

  • अनंत काल से भी पुरातन भारत

    अनंत काल से भी पुरातन भारत

    जो अनंत काल से भी पुरातन, ऐसे भारत का वर्णन करती हूँ जो मृदुल मुकुल से भी नूतन, प्यारे भारत की चर्चा करती हूँ। जो अनंत काल से भी पुरातन, ऐसे भारत का वर्णन करती हूँ जो मृदुल मुकुल से भी नूतन, प्यारे भारत की चर्चा करती हूँ। ऋग, यजुर् अथर्व, सामवेदों का दर्शन है,…

  • यूं ही

    यूं ही

    कोशिशें करता हूँ हजारों यूं ही कभी बात होती नही। फिजाएं बहती है चाहत पाने के लिए रोज तो सावन होता नहीं। कह दो आसमां से आने दें बादल यूं ही करीब वो आती नहीं। रट गयी है किताबें सारी हल कहीं नजर आता नहीं । आ जाता हूं दर खुदा के यूं ही कोई…