Month: September 2019

  • Intezar

    Kaash ki tum yun aate jaise koi hawa aati , Gullo ki khilti hui fiza me koi shbnami taswaur ki paigam aati………….

  • फिर से नया अध्याय

    फिर से नया अध्याय

    तू ने तो कहने की ठान ही ली मै मौन खङा मेरी कविता गौन हुई!

  • तेरी यह चंचल मुस्कान

    तेरी यह चंचल मुस्कान

    तेरी यह चंचल मुस्कान…… इस धरती पर जब तू आई थी मेरे आंगन में खुशियां छाई थी तेरी नन्ही नन्ही आंखों में न जाने किसकी परछाईं थी तेरी हंसती बेजुबां किलकारी में मेरे हर मर्ज की दवाई थी कांटों से भरी इस जिंदगी में जब एक नन्ही मुस्कान खिलाई थी तेरे पग की धानी मिट्टी…