Author: Abhishek

  • प्यास है घनघोर अब

    प्यास है घनघोर अब

    प्यास है घनघोर अब हिम को पिघलना चाहिए । हिंद है कुरुक्षेत्र अब अर्जुन को निकलना चाहिए ॥ हो गए है बिष भरे गद्दार बहुतों देश में । भीम को इन दुश्मनों के फ़न को कुचलना चाहिए ॥ हो रही है शर्मसार माँ भारती की अस्मिता । फिर किसी शेखर के बाजु को फडकना चाहिए…