Author: Ankesh
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हिंद की इमारत
यह इमारत खड़ी हिन्द की उनके गर्म लहू पर सौप गए जो जीवन निज का इस पावन वेदी पर या जिसने इसको है सीचा अपने श्रम से बल से चमक रही है इसकी आभा उनकी मेहनत के फल से सौभाग्य हिन्द की इस छाया में हमने जीवन पाया मिला बहुत कुछ और बहुत कुछ करने…