Author: Basant

  • एक नयी भारत गाथा

    एक नयी भारत गाथा

    एक नयी भारत गाथा रात्रि स्वप्न में शंख बज उठे, आरती सजाये गगन खड़ा एक मूर्ति दिखी अति परिचित सी , जिसके आगे जग नत हो पड़ा मैं पूछ उठा फिर सृष्टि से , ये किसका वंदन होता है सृष्टि बोली हे मानव सुन, भारत का अर्चन होता है वार्ता चली फिर भारत की, सृष्टि…