Author: Dinesh
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क्यूँ लिखता है श्रृंगार का ये कवि शब्दों से अंगार
क्यूँ लिखता है श्रृंगार का ये कवि शब्दों से अंगार जब शीश कटता है सीमा पर मेरे देश के जवान का… लहू उबलता है जब पूरे हिंदुस्तान का……………… मेरी भी रगों का तब खून खोलता है………………. कतरा-कतरा मेरे जिस्म का तब शब्द बनकर बोलता है जब अमन का ख्वाब आँखों में, आँसुओं में गल जाता…