Author: Suprem

  • नयी अलख जगाना है …………।

    नयी अलख जगाना है …………।

    “नयी अलख जगाना है ” उठो ऐ देश वासियों नया चमन बसाना है दिलों में मातृभूमि की नयी अलख जलाना है सीमा पर चल रही है नफरत की ,ऐसी आधियाँ कतरा कतरा खून से लिख रही कहानियाँ, साँस साँस सख्त है ये आया कैसा वक़्त है अब जर्रा जर्रा द्वेष की बँट रही है ,निशानियाँ…