Author: Neeraj

  • सैनिक

    सैनिक वो सैनिक है आसमान सी छाती लेकर फिरता है, धरती के हक़ में सुभाष की थाती लेकर फिरता है। हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर, जिद्दी स्वांसों की हलचल है, जमा हुआ है रक्त, धौंकनी चलती है, कैसा ये बल है, अग्निपरीक्षा पल पल देता, सीने में भरकर हुँकार, खौल उठता है शोणित सुनकर, धरती…