Author: Rajendra
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हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं
हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं सतरंगी सिकाफत किस मुल्क से ज्यादा नहीं ? हवा में खुशबू सारे जहां से ज्यादा यहाँ हर मुल्क से ज्यादा त्योंहार यहाँ मजहबों का संगम यहाँ नफासत से भरी बोली यहाँ खुदगर्जों के जहन में कीड़े कुलबुलाने लगे नफरत…