Author: RUPESH

  • धरती का स्वर्ग

    धरती का स्वर्ग

    धरती का स्वर्ग मुकुट हिमालय का गंग हार शोभता है सागर चरण इसकी सभ्यता महान है, हरे-भरे खेतों से सजा है इसका परिधान विश्व मे अनोखी इसकी आन-बान-शान है I वीरों ऋषि मुनियों की धरा ये सदा से रही ज्ञान सीखने को आया सारा ही जहान है धन्य है वो नर नारी बसते जो इस…