Author: sbansal
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अर्पित करूँ मैं क्या तुझे ओ देश मेरे
अर्पित करूँ मैं क्या तुझे ओ देश मेरे अर्पित करूँ मैं क्या तुझे ओ देश मेरे तू बता , ओ देश तेरी शान से बढ़कर मुझे कुछ भी नहीं | मैं माँ कहूँ माटी कहूँ या कह रहूँ तुझको ख़ुदा , ओ देश तेरे नाम से बढ़कर मुझे कुछ भी नहीं | सुर में सभी…