Author: shashi

  • स्वर सारे गुंजित हो ………।

    १ भारत को कहते थे सोने की चिड़िया सुख से हम रहते थे। २ गोरों को भाया था माता का आंचल वह ठगने आया था ३ याद हमें कुर्बानी वीरो की गाथा वो जोश भरी बानी ४ कैसी आजादी थी भू का बँटवारा माँ की बरबादी थी ५ ये प्रेम भरी बोली वैरी क्या जाने…