ख्वाबों का हिन्दुस्तान …

Posted by
|

तेरी अज़्मत१ का कायल तो, आज भी ज़हान है,
तेरी खुद्दारियों का गवाह, आज भी आसमान है,
मेरे बापू – सुभाष ! फ़िर लौटकर देखो यहाँ..
तेरे ख्वाबों का, क्या यही हिन्दुस्तान है…?
—–
इख्लाको–मज़हब२ जो तूने दिया इस ज़माने को,
बेरहम वक्त तक डरता है, आज़ भी उन्हें आज़माने को,
मज़हबी सियासतों३ में अब बंट चुका इंसान है,
मेरे बापू – सुभाष ! फ़िर लौटकर देखो यहाँ..
तेरे ख्वाबों का, क्या यही हिन्दुस्तान है…?
—–
गुलामी की फ़सीलें४ तोड़कर जीना सिखाया आपने,
ख़ातिर इस ज़माने के, मरना भी सिखाया आपने,
काबिले-ताज़ीर-झूठ५ खुश है और हकीकत६ परेशान है,
मेरे बापू – सुभाष ! फ़िर लौटकर देखो यहाँ..
तेरे ख्वाबों का, क्या यही हिन्दुस्तान है…?
——
मायूस होगा तू भी तस्वीर-ए-वतन७ के दाग देखकर,
रोएगी रूह तेरी, गद्दारों के सर हीरों का ताज देखकर,
अब शहीदों की चिताओं पर बन रहा झूठ का मकान है,
मेरे बापू – सुभाष ! फ़िर लौटकर देखो यहाँ..
तेरे ख्वाबों का, क्या यही हिन्दुस्तान है…?

१महानता २ सदाचार और धर्म ३ धर्म की राजनीति ४ दीवार
५ दंड देने योग्य झूठ ६ सच्चाई ७ देश की सच्चाई

Add a comment