”तिरंगे की कसम ”
गंगे की कसम हमको ,तिरंगे की कसम हमको |
थके उड़कर भी जो न उस परिंदे की कसम हमको ||
लड़ेंगे आखिरी दम तक , लिए हैं हाथ गंगाजल ;
जिन्होंने देश को लूटा , करेंगे हम भसम उनको ||
—-सुनील ‘नवोदित’ ,मानिकपुर
गंगे की कसम हमको …………….
Posted by sunil
August 22, 2012
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