गा गौरव गान देश का,
दे आहुति प्राणो की, कर रक्षा
बड़ा मान देश का,
गा गौरव गान देश का|
आँखो मे हो अंगार
शोले भरे हो दिल मे,
ऐसा कुछ हो प्रहार
दुश्मन जा छिपे बिल मे,
प्राण तेरे खुद के लिए नही
दे! उधारा सामान देश का,
गा गौरव गान देश का|
करो याद उन्हे,
जो देश तुम्हारे हवाले कर गये थे
तुम करो हिफ़ाजत इसकी,
ऐसा दम भर गये थे
मिली जो पोशाक प्रहरी की
पूरा कर कर्म वेश का
गा गौरव गान देश का |
पवित्र गंगा-यमुना ने,
तुझको सींचा है
तेरे लालन पालन को,
विशाल धरातल खींचा है
वो आँचल मा का
समेटे दुख घनेरए है
हो खड़ा, बन सहारा
कर निपटारा उसके क्लेश का
गा गौरव गान देश का|
तू चंचल, तू चिंतित क्यूँ है,
खड़ा तेरे सात सारा देश,
तू वीर सपूत, वीर पुरुष,
सबल-सुफल तेरा वेश,तू
रक्षक है तिरंगे का
खा कसम,
ये बने ना कभी निशाना किसी द्वेष का,
गा गौरव गान देश का,
दे आहुति प्राणो की, कर रक्षा
बड़ा मान देश का,
गा गौरव गान देश का|
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