जय हो हिंदुस्तान !!!
मान शान और स्वाभिमान की शब्दतीर हिय लागी|
सह कर अत्याचार खूब है आज आत्मा जागी ।।
बहुत हुआ तुम बहुत रह चुके, बहुत कर चुके अत्याचार।
जाग गए हैं अब हम पल में चुन उखाड़ हर खरपतवार ।।
उठी लहर ऐ कहर ठहर तेरा विनाश हम कर देंगे।
सर को मरोड़ कर गोड़ तोड़ जड़ से उखाड़ तुझको देंगे ।।
जो था फैलाया नीति जाल वह चूर चूर हो गिरा गगन में।
फिर चिराग जल उठा लगन का सब जन चलेंगे एक लगन में ।।
मत भाग दाग सरदार तुझे ये काल मिटाने आया।
तेरा विनाश तुझको टटोलकर आज बुलाने आया ।।
इति को तेरी बहुत नहीं बस, जन समूह और साहस ये दो।
गर बदल सके तो बदल आपको जियो और जीने दो ।।
पग पग में तुम ताव सहित जब दाव लगा दलते थे।
कर में चाबुक बँदूक लिए, तन के ऊपर चलते थे ।।
देख जमीं ऐ देख आसमां, जाग उठा संसार।
गूँज रही है चहू ओर अब एक मधुर झंकार ।।
हर महिला हर प्यारे बच्चे, बूढ़े और जवान।
एक साथ सब मिलकर बोलें जय हो हिंदुस्तान ।।
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