तु कैसी माँ है???
जहाँ की चाँदनी रातों में मैं सोया
वहाँ के सुनहरे सपनो में मैं खोया
तेरे आँचल मे रहकर मैं
हँसा और रोया
तु कैसी भारत माता है
तु कैसी सबकी माँ है
जिसने तेरी सेवा की तुने उसको पाला
जिसने तुझे दर्द दिया
उसे भी सींचा और सनजोया
तुझे देखकर मै खुब दुखी हुआ और खुब रोया
जिसे तेरि पर्वाह नहीं
उसे भी तुने अप्ने ममता से भीगोय
तु कैसी माँ है
सब अत्याचार सहे जा रही
और कब तक तेरे कंठ से एक आह! न निकली
यह कैस प्यार है तेर
जो सबको बिगाड़ रही
तु पेट भरती है सक
प्यास भी है बुझाती
हर जरुरत तु हम सबकी पुरी है करती
पर तेरे बच्चे तेरे सन्स्करों को भुल रहे
नकल कर दुसरों की
उन जैसा बनने कि कोशीश कर रहे
पर तु खड़ी देख रही
उनके मुस्कराते चेहरों को देख
तु भी खुश हो रहि
मत कर तु इत्न प्यार हमसे
मत खोल अपनी ममता के बांधे
मत कर तु हम्से इतना दुलार
तु सबको दुध देती है
पर ये तो तेर खुन चुस रहे
वह वक्त कब आयेग जब
तु लगएगी इनके अक्ल ठिकाने
तब समझ में आयेगा
तुने क्या किया है हमारे लिए
और हमने तेरे लिये!
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