नज़म-ए-भारत-माता
वीर बनो‚ गुणवान बनो‚
रीत है भारत माता की।
प्रीत समाये हर बंधन में‚
नज़म-ए-भारत-माता की॥
प्रेम के कच्चे धागे‚
सीरत स्वाभिमान की।
खोना न इसे‚
जान है भारत माता की॥
चाहो तो मान लो,
चाहो तो भूल जाओ।
चाहना तुम्हारे बस में है,
नहीं है तकदीर भारत माता की॥
पीपल की छाँव का झूला,
हंसी की लहरों का फूला।
बरगद तले दांव-पेंच,
रंगीन यादें भारत माता की॥
हर पल पूजनीय रंगीन,
हर कदम लहराता नवीन।
हर सांस फर्राती यही,
सलाम भारत माता की॥
डा मोनिका सपोलिया
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