‘पहले हिन्दुस्तानी हैं’
फिर गुजराती, फिर मलयाली, बंगाली, आसामी हैं |
आज शपथ लेकर कहते हैं- ‘पहले हिन्दुस्तानी हैं’ ||
हम गाँधी की अटल अहिंसा, हम सुभाष का नारा हैं |
भगत सिंह की फांसी हैं हम, अंडमान का कारा हैं ||
पृथ्वीराज का तरकश हैं हम, सत्तावन के बागी हैं |
हम राणा की घास की रोटी, हम ही बंदा बैरागी हैं ||
हम कित्तूर की बेटी हैं, हम झांसी की रानी हैं |
अस्सी बरस के कुंवर सिंह की, हम बेख़ौफ़ जवानी हैं ||
फिर गुजराती, फिर मलयाली, बंगाली, आसामी हैं |
आज शपथ लेकर कहते हैं- ‘पहले हिन्दुस्तानी हैं’ ||
हम शिरडी की दीवाली, हम ख्वाजा की होली हैं |
गुरुग्रंथ की वाणी हैं हम, हम अज़ान की बोली हैं ||
उस मसीह की करुणा हैं हम, हम नवरोज़ की ज्वाला हैं |
हम विनाश के महाकाल, मीरा के बांसुरीवाला हैं ||
सारनाथ के बरगद हैं हम, कुंडग्राम का पानी हैं |
धरम के हेतु समर हुआ जो, उसकी अमर कहानी हैं ||
फिर गुजराती, फिर मलयाली, बंगाली, आसामी हैं |
आज शपथ लेकर कहते हैं- ‘पहले हिन्दुस्तानी हैं’ ||
हम हैं गर्व हिमाला का, हम फूलों वाली घाटी हैं |
हम प्रयाग के संगम हैं, हम रेवा तट का माटी हैं ||
हम ही दक्कन का पठार, हम केसर की क्यारी हैं |
लक्षद्वीप का मूंगा हैं हम, पावन कन्याकुमारी हैं ||
अलग रूप है, अलग है बोली, अलग धरम और पानी है |
अलग भले विश्वास हमारे, अपनी एक कहानी है ||
फिर गुजराती, फिर मलयाली, बंगाली, आसामी हैं |
आज शपथ लेकर कहते हैं- ‘पहले हिन्दुस्तानी हैं’ ||
Milan
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