राष्ट्र के लिए

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जब! प्रेमिका, प्रेमी पर मरती
प्रेमी के लिये जिये।
जब! प्रेमी, प्रेमिका पर मरता
जिये प्रेमिका के लिए।
जब! स्वार्थी धन पर मरता
जिये धन के लिए।
जब! परमार्थी परमार्थ पर मरता
जिये परमार्थ के लिये।
तब! मरना तुम्हें है किसी पर
तो जिओ राष्ट्र के लिये।
अगर! किसी के लिये जीना तुम्हें
तो मरो राष्ट्र के लिये।।

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