मेरा भारत देश
१ . भारत मेरा देश है .सुन्दर और न कोय
शीश हिमालय श्रेष्ठ है ,सागर -जल पग धोय .
२. अनुपम भारत देश है ,विविध जाति औ रूप
भाषा रीति -रिवाज़ भी ,धर्म-पर्व बहुरूप .
३ .सोने की चिड़िया जिसे ,कहते आये लोग
शत्रु बहुत आये यहाँ ,करने इसका भोग .
४ . कई और पहुँचे यहाँ ,करने को व्यापार
फिर फैलाया राज हित ,अतिक्रामक कर भार.
५ .सदियों की परतंत्रता ,पीड़ा अत्याचार
शीश बहुत से कट गए ,कोड़े मार प्रहार.
६. अपनी ही धरती लुटी ,खुद बेबस लाचार
तब क्रांति की लौ उठी ,जागा माँ हित प्यार .
७ .मंगल पांडे ने किया ,क्रांति बिगुल का नाद
रानी झाँसी की लड़ी ,हो दुश्मन बर्बाद ,
८. समय चक्र चलता रहा ,मिलते आये वीर
खुदीराम बिस्मिल भगत ,आजाद बहुत वीर
९. फाँसी के फंदे मिले .कालापानी दंड
हँसते ही वे सह गए ,सारी पीर प्रचंड
१०. ख्वाब अनोखा एक जो ,देख गए वे वीर
आज़ादी मिलकर रहे ,टूटेगी ज़ंजीर .
११ .बाँध कफ़न सर पर चले ,माटी को धर माथ
प्राणदान मंज़ूर था ,छूट न जाये साथ .
१२. अमर हुए कुछ जन यहाँ ,हुए बहुत ग़ुमनाम
आज़ादी इक ध्येय था ,और तिरंगा शान .
१३. बिना ढाल तलवार के ,सत्य अहिंसा साथ
मिलकर चल इक राह पे , ली आज़ादी हाथ .
१४. भूल न जाएँ हम कभी, वीरों के बलिदान
स्वतंत्रता जो दे गए ,बढ़ा देश का मान .
१५. गए विदेशी छोड़ के ,प्यारा भारत वर्ष
आज़ादी अब मिल गयी ,सभी मनाते हर्ष .
१६.आज़ादी अनमोल है, इसका हो सम्मान
लहराए ऊँचा सदा , अमर तिरंगा शान
१७.भारत देश स्वतंत्र है ,काम रह गए शेष
जनता के हिस्से नहीं,आया फर्क विशेष
१८.सूरज सा भारत हुआ भ्रष्टतंत्र का ग्रास
आज़ादी है नाम की ,सबके मन भय त्रास.
१९. सर्व -धर्म सम भाव हों ,राष्ट्र धर्म हो एक
अनेकता में एकता ,कर्म सभी के नेक.
२०.सुरक्षा हेतु स्वदेश की , सीमा प्रहरी वीर
देते जान सहर्ष जो ,सम्मानित हों वीर .
२१.बच्चों का बचपन खिले , युवकों को हो काम.
वृद्ध उपेक्षित हों नहीं ,नारी का सम्मान .
२२.कृषक और मजदूर भी, पायें अपना भाग
कोई भी अवसाद में, करें न जीवन त्याग .
२३.बेटी भी परिवार में ,पाए सम सम्मान
पढ़ लिख के उन्नति करे ,ऊँची भरे उड़ान .
२४.शष्य श्यामला हो धरा ,फल फूलों से पूर
नदियाँ कल कल कर बहें,सभी कलुष से दूर
२५.शीतल मंद पवन बहे ,धूल प्रदूषण हीन
खुली हवा में रह सकें ,जन आतंक विहीन .
२६.हर दिन खुशियों से भरा ,ईद ,तीज त्योहार
होली दीवाली मनें,गलबहियों के हार .
२७.हिन्दू ,सिख व ईसाई , पारसी मुसलमान
जैन बौद्ध से मिल बने ,भारत मेरा महान.
२८.जब तक सूरज चाँद हैं ,वसुंधरा आकाश
गंगा यमुना नित बहें ,सुख समृद्धि का वास .
२९.स्वतंत्रता की शान पे ,तन मन से बलिहार
प्राणों को अर्पण करें , रक्षा हेतु नर -नार .
३० भारतीय हों सब प्रथम ,भेदभाव हो दूर
भाई भाई मिल रहें ,खुशियाँ हों भरपूर .
३१. विश्व -देश , अन्तरिक्ष में ,चमके तेरा नाम
जय हिंद की गूँज से माँ, तुमको करें सलाम .
जय हिंद !!!
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