आजकल भारत मा की परवाह कौन है करता ,
जाने दो कैसे भी हो अपना तो काम है चलता
आम आदमी अपना पेट छोड़ कर और कुछ नही भरता
कहता है, मैंने तो नेता चुना वो क्यू नही लड़ता
नेता कहता है हमें मत”दान” करो, अब जब कर दिया है तो उसका भुगतान करो
नेता कहता है “हाहा” तु इसी तरह रहेगा मरता पर मेरा जेब रहेगा हमेशा भरता
बहुत कहने पर जब नेता को थोड़ी शर्म है आती,
तब सरकार योजना भवन से नयी योजना है लाती
जब दुखिया कहता है भूख,ग़रीबी,बीमारी है कुछ तो कहो,
तब नेता कहता है योजना बना तो दी उसी से खुश रहो.
दुखिया कहता है नेताजी मा बीमार है ज़रा देखें तो ना जाने क्यू परेशान है
नेताजी कहते है तेरी मा है तू जाने तब दुखिया ने कहा नेताजी, भारत मा है ज़रा पहचाने
जिसके तुम जैसे पे ना जाने कितने एहसान है.
ऐसे कपूतो को देख कर मा का दिल ना जाने कितना है दुखता,
ये क्या गम नही की आजकल तिरंगा भी चौराहो पर है बिकता
साल में दो ही दिन तो भारत मा की जय जयकार होती है
बाकी ३६३ दिन ये मेरी मा तो लाचार होती है.
राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान में अंतर जानते नही,तिरंगे का रंग पहचानते नही,
फिर भी सीना ताने कहते है अरे हम तो है हिन्दुस्तानी,आजकल के नये यांगीस्तानी.
आज अगर शहीद भगत सिंग,सुखदेव और राजगुरु होते
अपने इस भारत की दशा देखकर ना जाने कितना रोते
कहते हे मा, माफ़ करना हमें व्यर्थ गया हमारा बलिदान
पर चिंता मत करो कल को फिर कोई शहीद होगा ये सोच कर की यही तो है मेरा हिन्दुस्तान.
आज़ादी क्या होती है ये लड़नेवालो से जानो,
अरे तुम्हे तो मुफ़्त में मिली है ज़रा इसकी कीमत पहचानो.
जय हिंद, जय भारत
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