इस राजनीती की अपनी ही परिभाषा है..
यहाँ हर एक नेता की अपनी ही एक भाषा है|
हर कोई यहाँ अपनी ही रोटी सेक रहा है ..
भूके के पेट पर मोबाइल की रोटी फेक रहा है ||
अब १०० रूपये तक का बिल सरकार भरेगी..
और देश की भूखी जनता, गूगल से रोटी डाउनलोड करेगी||
मटर पनीर और शाही पनीर का एम.एम.एस होगा.
और धन्यवाद दो अहलुवालिया को क्यों की ..
२० रुपये कमानेवाला अगले साल से अमीर होगा .||
किसी ने सही कहा है, पैसो से पेट नहीं भरता..
पर पैसे वाला इंसान, कभी भूखा नहीं मरता ||
मंत्री हमारे अल्पहारी कहलाते है ..
आम जनता से हमदर्दी है, इसीलिए
खाना कम और पैसा पेट भर खाते है ..||
दलाली मैं हाथ तो पंतप्रधान के भी काले है
किस से जाके कहे..
आम इंसान को दो वक़्त की रोटी के लाले है ..||
देश मैं हर तरफ अकाल ही अकाल है..
मनमोहनजी हमारे कहते है ..
माँ हमारी मैडम जी .. और हम उनके ही लाल है ||
बंद करो ये एम.एम.एस, दंगो के आसार है ..
पर शिन्देजी जरा ध्यान से ..
ये एम.एम.एस तो, मन मोहन सिंह का ही सार है||
क्या होगा इस देश का,
यहाँ की बेबस जनता.. राजनीती से बेजार है|
हाथ का चांटा गाल पर है तो कमल कीचड़ से सरोबार है
घडी, साइकिल की धीमी रफ़्तार है तो लालटेन होते हुए भी अन्धकार है ||
ए मेरे दिल तू बेकार ही रोता है ..यहाँ मौत मतलब इंसान लम्बा सोता है..
क्यों की ये गिद्धों की बस्ती है मेरे दोस्त .. यहाँ मौत ही उत्सव होता है.
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