देख तिरंगे, का सम्मान,
हमको है, तुम पर अभिमान|
भारत की बेटी ने आख़िर,
भारत को, भेजा पैगाम|
दूर छितिज पर फहराया,
जन-गन-मन तुमने गाया|
हर भारतवासी के मन मे,
लहर तिरंगा लहराया|
भिन्न-भिन्न भाषा और वेश,
सतरंगी सा, अपना देश|
सोंधी-सोंधी, खुश्बू इसकी
कण -कण, देता है संदेश|
रहे किसी, कोने मे कोय,
देश-प्रेम का, भाव संजोय|
सेवा-भाव, समर्पण, त्याग,
जनम से उपजे, कोई न बोय|
गर्व हमे, हम भारतवासी,
अपनी तो, पहचान यही है,
सच पूछो तो, शान यही है,
जिस्म यही और जान यही है|
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