स्त्री
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…
गुड़िया के खेल में वोह शामिल हो गई
मम्मी और पापा की लाडली बेटी बन गई,
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…
स्कूल जाने की नई शुरुआत होने लगी,
आगे बढ़ने की अलग ही राह होने लगी,
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…
कॉलेज में प्रवेश मिल ने से खुश होने लगी,
मम्मी को ही अपनी दोस्त मानने लगी,
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…
नई जॉब आने से नए सपने देखने लगी,
आगे पढ़ने का दिल में ख्याल लाने लगी,
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…
तभी ज़िंदगी में अलग ही शुरुआत हो गई,
नए लोग,और नए शहर में शादी हो गई,
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…
सबके रीत रिवाज अच्छे से समजने लगी,
तभी उसके घर में आई एक नन्ही सी परी,
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…
उसके सारे सपने अपनी बेटी में देखने लगी,
आज भी वोह हार नहीं मानी….
नन्ही सी एक नाजुक परी बड़ी हो गई…..
नन्ही सी अल नाजुक परी….
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