कुर्बान हुए जो अपने वतन के खातिर कभी उन्हें भी नमन कर लिया करो !!
तपती धूप, जाड़े की ठंड, तूफान एवं बरसते बादलों के नीचे खड़े उस जवान को कभी दिल से धन्यवाद तो कर लिया करो!!
उस मां की कोख, जो सुनी रह गई है उसे कभी दिल से सलाम तो कर लिया करो!!
खुश नसीब है, वह पिता जिसके अंश का लहू देश के काम था आया!
ए दोस्तों, कभी उस पिता के छुपे आंसुओं को पोंछ तो लिया करो!!
शहीद, दोस्त के सूनेपन को कभी महसूस तो कर लिया करो!!
रक्षाबंधन के पर्व में आए उस बहन की आंख में आए आंसुओं की इज्जत तो कर लिया करो!!
उस शहीद की राख के हर कण में बसे उस पत्नी के दुख को पूछ कर तो देख लिया करो!!
उस शहीद के छोटे भाई की हिम्मत का सहारा तो बन के देख लिया करो!!
कभी दिल से उनके उस लहू को नमन तो कर लिया करो!!
उनकी इस जीत, वतन की रक्षा एवं वतन के लहराते तिरंगे पर रोशनी डाल कर तो देख लिया करो!!
अपने नव जीवन तथा उनकी थमी सांसो को झुक कर सलाम तो कर लिया करो!!
ऐ दोस्त, हर “शहीदी दिवस” पर उस शहीद और सरहद पर खड़े जवान को “JAI HIND” कहकर नमन तो कर लिया करो!!
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