नेता

क्यूँ नही और बन रहे नेहरू और गाँधी
क्यूँ हम भूल गये 1857 का युद्ध और दांडी
क्यूँ पैसा कमाने की चल रही है आँधी
क्यूँ जवान जवानी को कर रहे हैं मंदी

इतिहास ने कभी पैसे को याद नही रखा
राजगुरु सुखदेव भगत सिंग थे आज़ादी के सखा
क्या आज़ादी मिल जाती देकर हार नौलखा
याद की गयी वो कुर्बानी हज़ारों दफ़ा

क्यूँ इस देश में कोई नेता नही बन रहा
क्यूँ देश का पसीना आई टी सेक्टर से सन्न रहा
कहने को ये देश पाँच प्यारों का वतन रहा
पर क्यूँ अब देश के लिए अब धन सर्वप्रथम रहा

राजनीति बड़ी बुरी है ये चर्चा करते हैं
और खुद उसे ठीक करने से ये बड़ा डरते हैं
कहने को ये देश के नौजवान इस पर मरते हैं
पर विदेश जाने के किसी भी अवसर पर ये बढ़ते हैं

इस देश का दीपक क्यूँ विदेश को उजाला देता है
पाले बढ़े इस देश में जैसे दीपक सारा तेल लेता है
अगर घर गंदा है तो ये इस घर का ही तो बेटा है
तो घर साफ करने की पहेल करने के लिए बनता क्यूँ नही ये नेता है


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