दोस्तों, पेश है आपकी खिदमत में , एक और हमारी लिखी हुई ताज़ा तरीन , मूल रचना. इसका शीर्षक है “में सिर्फ एक भारतीय” आशा करते है आपको पसंद आएगी……
तुम बेड tea , में सुबह का खाली पेट दो ग्लास पानी
तुम बासा burger , में गरम कचोरी
तुम bankok , में आगरा का प्रेम प्रतीक ताज
तुम MNC का culture , में स्वदेशी की विचारधारा/ गाँव की चौपाल
तुम प्रस्तावना , में उपन्सहार
तुम बनावट, दिखावट, और मिलावट, में किसान की असली फसल
तुम deo / perfume spray की चलती फिरती दूकान, में फूलो की प्राकर्तिक खुशबु
तुम वासना , में साधना
तुम non -veg , में veg
तुम खर्चा , में बचत
तुम धन , में तन और मन
तुम कथा , में सार
तुम पति पत्नी और वो , में ब्रहम चारी
तुम ice cream , में बर्फ की चुस्की
तुम रात , में सुबह
तुम शराब , में जलजीरा , निम्बू पानी
तुम रोग , में दवा
तुम AC की बंद कांच की खिड़की , में खुली खिड़की से आती खुली हवा
तुम cineplex , में रंगमंच
तुम गुजराती, मराठी , और बंगाली , में सिर्फ एक भारतीय
तुम हिन्दू, मुस्लिम , सिख , ईसाई और जैन , में सिर्फ एक इंसान……………
आपका लेखक
सी.ए. अमित कुमार जैन
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