मेरे भारत की कहानी!

हिमालय की गोद में सुरक्षित हूं मैं जबसे,
इस मिट्टी का रहस्य छुपा नहीं है सबसे;

उन वीरों का बलिदान जिसके शीश तले मैं आजाद हूं
उस भारत की मिट्टी में जन्मा मैं एक आम इंसान हूं;

फक्र होता है उस जज्बे पर जिसने हमें आजाद किया,
एक आह! ना निकली मुख से जिन्होंने यह बलिदान दिया;

एकता में अनेकता भारतीय आंदोलन का सिद्धांत था,
एकजुट होकर हिंदुस्तान बनाने का वल्लभ जी का पैगाम था;

पूरे विश्व में जब जब हिंदुस्तान का नाम गर्व से लिया जाएगा,
“बापू” का अहिंसा और सत्याग्रह परिवर्तन की बेला लाएगा;

सर्वधर्म संभव आज भी याद है,
दिलों में बस चुका हर एक जवान का नाम है ;

“यह देश सौंप के जा रहा हूं लौट के ना आ सकूंगा ,
संभाल कर रखना इसे अपने खून से जो रंगा हूं;

सम्मान करना इस हवा का जिसमें तुम सांसे ले रहे हो ,
उन जवानों को याद करना जब बिना डरे घरों में सो रहे हो; ”

यह संदेश आपका ए जवान! सब तक पहुंचा दूंगी,
खयाल रखना अपना उन सितारों के बीच हिंदुस्तान को खुशियों और प्रेम से सजा दूंगी!

जय हिंद !जय भारत! जय जवान!


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