हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं
हिंद की ज़मीन
किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं
सतरंगी सिकाफत
किस मुल्क से ज्यादा नहीं ?
हवा में खुशबू
सारे जहां से ज्यादा यहाँ
हर मुल्क से ज्यादा त्योंहार यहाँ
मजहबों का संगम यहाँ
नफासत से भरी बोली यहाँ
खुदगर्जों के जहन में
कीड़े कुलबुलाने लगे
नफरत के बीज मुल्क में उगाने लगे
उखाड़ फैंकों नफरत के हैवानों को
ख़त्म करो उनके अरमानों को
हिंद की ज़मीं को
पुराने मुकाम पर लाओ
भाई-चारे से रहो
रहना सिखाओ
हवा में रवानी
मौसम में बहारें लाओ
डा.राजेंद्र तेला”निरंतर”,अजमेर
सिकाफत =Culture
हिंद की ज़मीन किसी इन्द्रधनुष से कम नहीं
Posted by Rajendra
August 31, 2013
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