आओ बोले वंदेमातरम स्वाभिमान से।

मत  बाटो अब इन रंगों को तुम मजहब के हिसाब से
चाहे हरा हो या सफेद हो या हो भगवा तुम सबको मानो जान से

दूर कर दो बेर मन से गले लगा लो एक दूसरे को प्यार से
एक हो जाओ सब और मिला दो इन तीनो रंगों को शान से।

उठा लो तिरंगा हाथ मे और फहरा दो आसमा में अभिमान से
न फर्क रहे हममे कोई आओ बोले वंदेमातरम स्वाभिमान से।


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