Month: September 2013
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“जनता की ललकार”
“जनता की ललकार” माँ अम्बा और बजरंगबली के सेवक हम, तांडव से प्रचंड परसुराम के वंशज हम, गर हुए सवार आक्रोश के ऐरावत पर , तो अपनी असली औकात बता देंगे हम, औ, कान खोलकर सुनलो सत्ता के मद में मदहोशों, गर लौट-आये जोश में इक-बार तो फिर, इस भ्रष्टतंत्र की शक्ति का सच्चा अनुपात…
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धरती ये रोशन हो
कितना सहा है इसने, बरसों से रात का डर | कोई तो सुबह हो अब कि धरती ये रोशन हो || ये तंत्र हो चुका है, जर्जर, गुलाम तम का | कुछ दीप तो जलें यूँ, अंधेरा ये दफ़न हो || कोई तो सुबह हो… नेत्रत्व करे जग का, विज्ञान ज्ञान अपना | मेधावियों का…
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रण
रण बरसो से सोया था वो सिंह दहाड़ उठा है, छेड़ा है तुमने जिसे वो नाग फुंकार उठा है । बरसो से दबी जनता आज हुँकार उठी है, भारत की सोई जवानी अब पुन: जाग उठी है । ब्राह्मणों में लुप्त था वो दिव्य ज्ञान जाग उठा है, क्षत्रियों के शास्त्रों से वही पुराना आग…
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bharat bhoomi
अरे ओ भारत भूमि विशाल मस्तक पे तेरे हिमाला है हैं चरण धोती तेरी हिन्द महासागर विकराल दक्कन बढाती है तेरा मान दक्षिण तेरा दैदीप्यमान बंग भूमि तेरा अभिमान उर स्थित विन्ध्य शोभायमान देव भूमि है तेरा श्रृंगार उत्तर प्रदेश ,कलिंगा और बिहार रण कच्छ सौराष्ट्र मराठवाड़ राजस्थान की हो जय जय कार मेरा कोटि…
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वतन की मुहब्बत
वतन मेरे बता मुझको मुहब्बत तुझसे इतनी क्यों तेरी मिटटी की खुशबू से मुझे इतनी मुहब्बत क्यों आखिर क्यों तेरी खातिर मेरा ये दिल तड़पता है तेरी ही आन की खातिर ‘कुँवर’ मरता है मिटता है कहें क्या आरज़ू है तेरी खातिर और क्या अरमां की मुझको बस बता दे मेरी खातिर क्या तेरा फ़रमाँ…