Month: July 2019

  • the backbone of a soldier

    O my mother I am going to serve my other mother please my dear don’t cry I will return soon and bring wrinkles of pride on your face with laughter I may die but hide your sorrow in your mind I know it will not be less than crime but I know you will do…

  • क्यो और किस बात का गुमान है तुझमे

    क्यो और किस बात का गुमान है तुझमे

    क्यो और किस बात का गुमान है तुझमे मत भूल, किसी और की दी हुई जान है तुझमे डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेशन ये सब तूने कर लिया इंसानियत का भी पाठ है, क्या तूने इसे पढ़ लिया? पर्सनॅलिटी डिव्ल्पमेंट, मॅनेज्मेंट जाने क्या क्या लोग पढ़ रहे है दोस्ती और खून के रिश्तो को ताख पे रख,…

  • सुपूत का बलिदान

    सुपूत का बलिदान

    वीरता की जो छवि दिखलाते, वही है असली सुपूत कहलाते। जान न्यौछावर जिन्हें करनी आती, बलिदान करता दिल में वास, जान कुर्बान करते राष्ट्र पर, वही है असली सुपूत कहलाते।। अपने से ज्यादा राष्ट्र को चाहते, हर वक्त रहते तैयार , अपनी जान से ज्यादा करते अपने वतन को प्यार, दुश्मन के सामने डट कर…

  • न जाने क्यूं

    कविता 1 न जाने क्यूं न जाने क्यूं मैं भी बन जाना चाहता हूं आदिवासी रहना चाहता हूं जंगलों में नंग धड़ंग आदिवासियों के बीच समझना चाहता हूं उस समाज को जहां नंगे रहने पर भी वासनाएं नहीं जागतीं परखना चाहता हूं उन मर्दों की मर्दानगी जो हर लड़की को समझते हैं बेटी-बहन न जाने…

  • सुमेर

    सुमेर

    सुमेर नब्ज़ जब जम सी गयी थी, साँस जब थम सी गयी थी, अंधियारा चारों ओर था, हज़ार- टन दबाव में जब हमारा वो ठोर था, वो साल था 1971 का, जब चारों तरफ़ समन्दर का ही शोर था।। हम सुमेर से डटे हुए थे, थोड़ा सा बटे हुए थे, एक अनदेखी अनसुनी सी जंग…