नमस्कार, मैं एक भारतवासी हूँ,
सदियों से चली आ रही, इस महान सभयता में,
मैं भी काशी का एक निवासी हूँ
नमस्कार, मैं एक भारतवासी हूँ।
रमज़ान की मीठी खीर हो, या हो दीवाली की बालू शाही,
वो सर पे सजा कश्मीर हो, या हो अकबर का दिन-ए-इलाही,
यहाँ अवधुत के 24 गुरु बस्ते हैं, दिया बुद्ध ने भी आष्टांगिक मार्ग,
नवरोज़ की उस जीवदायिनी सुबह के साथ, मिलते है यहाँ कईं महान गार्ग,
बीहू का मनमोहक नृत्य भी देखा हमने, है देखी पोंगल की महिमा,
वेद और क़ुरान की बातों को संजोए, बाइबिल की भी है अपनी ही गरिमा,
ये सत्य तुम्हें बतलाता हूँ, आओ तुम्हें मैं शून्य से बीज-गणित की ओर ले जाता हूँ,
मैं बस वसुधैव कुटुम्बकम् का अभिलाषी हूँ,
हाँ, मैं एक भारतवासी हूँ।
22 भाषाओं से सजी दुनिया है हमारी, 28 राज्यों का भूखंड भी कहलाए,
उत्तर में बद्री तो दक्षिण में तिरुपति की भक्ति में जन- जन का मन रम जाए,
इस सदियों पुरानी संस्कृति का इक छोटा सा अधिन्यासी हूँ,
नमस्कार, मैं एक भारतवासी हूँ।
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