तुम्हें अपना बना लेना,
चाहत नहीं थी मेरी,
तेरा पास से गुजर जाना ही काफी था।
साथ बीते पूरा दिन तेरे,
ख्वाहिश नहीं थी मेरी,
तेरा ख्वाब में आ जाना ही काफी था।
घंटो बातें हो तुझसे,
ज़रूरत नहीं थी मेरी,
तेरी नज़रों से नज़रें मिलाना ही काफी था।
देखूं मैं पूरी दुनिया,
सपना नहीं था मेरा,
तेरे दिल में घर कर जाना ही काफी था।
मंजिले एक हो दोनों की,
चाहत नहीं थी मेरी,
राहों का एक हो जाना ही काफी था।
तुम्हें अपना बना लेना
by
Tags:
Leave a Reply