देख तमाशा हिन्दूसस्थान का,
अपने ही ज़मीं पे नारा लगे,
परायी मुल्क पाकिस्तान का,
देख तमाशा हिन्दूसस्थान का ।
स्वच्छ भारत का नारा लगे, बात चली नारी के स्वाभीमान का,
शौचालय तो खूब बने, फिर भी राह करे खेत खलीहान का,
देख तमाशा हिन्दूसस्थान का ।
धर्म के नाम पर दंगे फसाद, हिंसा लूट चारों ओर हाहाकार,
पदमावती पदमावत बने, एक कहानी राजस्थान का,
देख तमाशा हिन्दूसस्थान का ।
बड़ा नोटबंदी करे, छोटा करे बैंक बंद,
नाक नीचे चोरी करे, चौकशी , नीरव, माल्या के गैंग,
हाय रे जनता क्या करे, लाज रखे कौन हमारे सम्मान का,
देख तमाशा हिन्दूसस्थान का ।
पूजे जाते हैं यहाँ दुर्गा काली, दरगाह मे गाए जाते क्ववाली,
तीन तलाख मे बीवी छोड़े, घरवाली को देते गाली,
जिस जहाँ पर ना होती इज्जत नारी, किसान ओर जवान का,
कौन करे जुगाड़ उसके उत्थान का,
देख तमाशा हिन्दूसस्थान का ।
अब भी सम्भलो मेरे देश के प्यारों,
न कचड़ा फेंको न सिगनल तोड़ो,
बाबा और मौलवी को छोड़ो,
उठो जागो तेज़ दौड़ो,
अब हमारी बारी है,यह मौका अब ना छोड़ो,
तमाशा बनके ऐसा तमाचा मारो,
के विश्व करे बयाँ हमारी दास्ताँ का,
और कहे यह होता है तमाशा हिन्दूसस्थान का ।
कवि देबाशीष
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