*देश मेरा सोने की चिड़िया*
देश मेरा सोने की चिड़िया, ये मेरा अभिमान है।
मर मिट जाऊँ इस पर मैं तो, बस इतना अरमान है।।
देश ने देखे दौर अनेकों, फिर भी शक्तिमान है।
झुकता नहीं है आगे ये तो, ऐसा ये बलवान है।।
आँँच ना आने देंगे इस पर, लुट जाए चाहें जान है।
कण कण के दीवाने इसके, हम इस पर क़ुर्बान हैं।।
अंग्रेजों ने बरसों बरस तक, राज किया मेरे देश पे।
भाग गए फिर एक दिन वो तो, देश में इतनी जान है।।
फाँसी पे चढ़ गए हँसते हँसते, वीरों की यही आन है।
एक नहीं है लाखों का फिर, बस ये तो बलिदान है।।
धरम किसी को माने चाहें, तिरंगा मेरी शान है।
एक ही माँ के बेटे हम तो, हम सब की ये जान है।।
रानी लक्ष्मी देश में मेरे, और टीपू सुल्तान है।
वीर योद्धा ऐसे ऐसे, भारत मेरा महान है।।
सत्य, अहिंसा शस्त्र थे जिनके, बापू का ये जहान है।
देश पे मिट गए हँसते हँसते, ये उनका बलिदान है।।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, फूल और इसकी शान हैं।
फैलाते सब खुशबु मिलकर, ऐसा ये बाग़ान है।।
मन्दिर, मस्जिद, और गिरजाघर, चारों ओर निशान हैं।
कथा कीर्तन और आज़ाने, रहती गुंजायमान हैं।।
लेखक-मरग़ूब अमरोही
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