दिल मे जो मेरे ज़ज्बात छुपे है,
हाँ माँ वो है तेरे लिए बस।
के दुरी से भी तेरी दिल कहना चाहता है कुछ, और तू पास हो तो कह दूं तुझे कि………………….
ममता से भरी तेरी गोद में माँ,
सर रखने से मुझको है सुकून मिला।
कभी भीड़ में जब थी तन्हा सी मै,
मेरी आँखों में तेरा इंतजार मिला।
दूरियों से कभी,जो जो जाता मन ये मचल,
के बाहों में आउ तो फिर, मिल जाये सहर।
उन नन्ही उंगलियों से माँ,
अब तुम्हारे कंधे तक हु मै।
कैसे कहु सुक्रिया क साथ रहती हो,
मेरे हर पहर।।।।
है शांत दिल मेरा,पर आँखे रोती है।
दुरी से तेरी माँ मेरी ज़ुबा ये कहती है के…..
माँ तेरी याद ने मुझे,
फिर से रुलाया है।
सिस्कियों ने मेरी तुम्हे,
फिर से आज पुकारा है।
मेरे बिन निकले आँसुओ को,
तुमने ही तो जाना है।
दूर बैठे दर्द को मेरे,
तुमने ही तो माना है।
गिरे चलते हुए कई बार हम,
तुमने ही तो संभाला है
आज एक दूजे से दूर है हम,
हालात से क्योंकि मजबूर ह हम
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