प्रकृति की ये खूबसूरती आज नीखर कर आया है,
कहीं सूनामी कहीं बवंडर बवाल यह आज मचाया है,
प्रकृति को सुंदर कहते कहते हमने उसे नजराया है,
कहीं भूकंप कहीं बाढ़ ने अपना चमत्कार दिखलाया है।।
प्रकृति देती है हमें सब कुछ जल, पल और बल कुछ कुछ,
प्रदूषण देते हैं हम सब उसको ध्वनि, मृदा, जल और नभ में कुछ कुछ,
वृद्धियों के नाम पर हमने उसे बहलाया है,
प्रकृति की ये खूबसूरती आज नीखर कर आया है।।
बदल रहे हैं मौसम बदल रहा है वातावरण,
बदल रहे हैं इंसान बदल रहा है समाज,
इस बदलते हुए समय ने प्रकृति में भी बदलाव लाया है,
प्रकृति की ये खूबसूरती आज नीखर कर आया है।।
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