यूँ तो आज़ादी है, पर थोड़ा और काम रहता है
स्कूल हो सबके नसीब में, बस करीब में
छूट न जाए कोई बच्चा बस यही डर रहता है
हवा थोड़ी और सॉफ हो, कुदरतन थोड़ा और इंसाफ़ हो
कारखानों और गाड़ियों से निकलता ये काला धुआँ
दम न घुट जाए मेरी मा का, बस यही डर रहता है
मेरे वतन की हर गली थोड़ी और महफूज़ हो
मेरी बहन को आज़ादी थोड़ी और महसूस हो
शाम ढलते ही, जल्दी घर आ जाए, बस यही डर रहता है
बारिश नही हो रही, कुछ इंतज़ाम और करो न
तुम तो सरकार हो, खुदा हो हमारे, किस्सा ये तमाम करो न
गाव में मेरा चाचा किसान है, फासी न लगा ले, यही डर रहता है
ग़रीबी कभी मेरे आँगन में रहती थी
आज भी इधर, उधर हर तरफ है, थोड़ा और ज़ोर लगाओ न
भूका न सो जाअए कोई, बस यही डर रहता है
काम बहुत हो रहा है, थोड़ा और धक्का लगाओ न
तुम भी अपना धंधा जमाओ न, बहुत ज़रूरत है
मेरा दोस्त ढूँढ रहा है काम एक महीने से
हार न मान जाए, बस यही डर रहता है
यूँ तो आज़ादी है, पर थोड़ा और काम रहता है
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