भारत का सपूत

मैं भारत का सपूत ,
मर मिट जाऊँगा ,
आंधी आये या तूफान ,
भारत माँ को बचाऊंगा l

हे दिल मैं तमन्ना,
कुछ ऐसा कर जाऊँगा,
भारत माँ का सर ,
गर्व से ऊंचा कर जाऊँगा l

खा लूंगा सीने पे गोली ,
अब लहू से खेलनी होली,
दुश्मन को मार भगाऊंगा,
सर उठा के भारत माँ के पास जाऊँगा,

करू कुछ ऐसा काम ,
भारत माँ का हो जग मे नाम ,
सब करे भारत की प्रशंसा,
जीता रहे भारत का सपूत,
और जीता रहे उसके अंदर का सपना l


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