Tu shurveer hai

तु शूरवीर है
तु शूरवीर है बढ़े चल ,
इम्तिहान के मैदान में I
कलम को तलवार बना ,
बढ़ता जा बिना रुके I
डर को त्याग दे ;
हिम्मत से तु आगे बढ़ ,
कोशिश करते जा तु बंदे ,
बिना रुके, और थके हुए I
जीत तुम्हारी ही होगी ,
बस इतना तु मन ले I
राह में जो मुश्किल आये, पार कर लेना तु उसे I
अपने अंदर के लौ को तु ! कभी ना बुझने देना I
जीवन में सफलता की ज्योति ,
उसी से अर्जीत करना I
एक सुनहरा भविष्य हैं ,
तु जा के ,उसको थाम ले
बढे जा ; वो बंदे रुक मत,
मेरी बात मान ले I

रागनी रागनी

हैदराबाद


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