Month: September 2020

  • मातृभूमि से प्रेम

    मातृभूमि से प्रेम

    मातृभूमि से प्रेम मातृभूमि के प्रेम से, धुल जाता हर स्याह रे, घोर अंधेरे, ताक लगाए, बैठे रहते, द्वार पे, मन भरता है, सर फटता है, लगन भरे हर काम से, जब व्यथा ही, आ जाती है, तेरे ज़ोर प्रयास से, राह बड़ी ही दूभर होती, जीवन जैसे हास्य है, याद रखो पर, जीव-प्रकाश का…

  • आघात 

    तिरंगे में लिपटे कफन देखकर, घर बैठे हर हिंदुस्तानी का ह्रदय जोरजोर से रोया है दिल जुड़ने के दिन पर ही लाखों के दिल को तोड़ा है आत्मा कह रही झंजोर के जागो, आज तुम्हारे लिए कितनों ने अपना सवेरा खोया है हर चौराहे पर तिरंगा लेकर बच्चा बच्चा दौड़ा है काफिले चल पड़े थे…

  • गुलाम आजादी

    गुलाम आजादी

    चौहात्तर साल आजादी को पर आजादी भी पक्षपाती है माताओं महिलाओं बेहन बेटी पर आज भी गुलामी ही छाइ है हर पांच साल मे बदलतीं रही सरकार वादे करती रही बरकार, और हर पंद्रह मिनट मैं होता है एक बलात्कार जरूरत कानून से ज्यादा सोच बदलने की है इंसान में इंसानियत जगाने की है रोज…

  • गुलाम आजादी

    गुलाम आजादी

    चौहात्तर साल आजादी को पर आजादी भी पक्षपाती है माताओं महिलाओं बेहन बेटी पर आज भी गुलामी ही छाइ है हर पांच साल मे बदलतीं रही सरकार वादे करती रही बरकार, और हर पंद्रह मिनट मैं होता है एक बलात्कार जरूरत कानून से ज्यादा सोच बदलने की है इंसान में इंसानियत जगाने की है रोज…

  • मजदूर है वो या मजबूर है वो?

    मजदूर है वो या मजबूर है वो?

    गाड़ी आई गाड़ी आई रेल नहीं पर ट्रक आई सौ सौ बोरी धान लाई गाड़ी आई गाड़ी आई उसमें से उतरे तीन भाई दो मजूर और एक माइक पहले पी गरम चाई फिर काम की बारी आई एक मजदूर दे बोरी दूजा उसको लादे लाद कंधे पर बोरी को, दुकान के अंदर पटके, पर बूंद-…

  • भारत की आजाद

    भारत की आजादी का सपना, हम सब देखा हैl गााँधी जी के इरादे पे , हम सब ने चलना सीखा है l भरत ससिंह के मूछ के तरह ताव देना सीखा है , आ जाओ अिंग्रजो की फ़ौज , हम सब ने सीने पे गोली खाना सीखा है I सदल मे है भाई चारा ,…

  • Such Is My Country

    Such Is My Country Where streams meander to intertwine into magnificent rivers, By the banks some swing with the breeze, Others garner the nectar sucking bees that flit on its premises, Its bounty has nourished, soothed and nurtured Generations with anecdotes and experiences, Its sagacious perspectives render it timeless, Where the glimmering Sun shines bright…

  • अब सीमा पर गूँजे हर हर महादेव का नारा

    कभी युद्ध में और कभी हो विरत युद्ध की भू से वीरों ने पूजा भारत माता को नित्य लहू से कायर कोई जब करता है अप्रत्याशित हमला प्राणाहुति के बोझ तले तब दब जाती है अचला पर चुनौतियों से बिलकुल नवयुवक नहीं घबराते सेना की भर्ती में बेटे उमड़ उमड़ कर आते इसी चेतना को…

  • हिंदुस्तान

    हिंदुस्तान

    हिंदुस्तान तुम कहते हो मेरे देश में घूसखोरी, भ्रष्टाचार काला बाजारी, गंदगी, बलात्कारी और सीनाज़ोरी है फिर मैं तो कहूँगी तुमने मैसूर के शेर टीपू सुल्तान नहीं देखे शिवाजी का युद्ध कौशल, रिपु संहार नहीं देखे तुम झाँसी के उस मैदान से नहीं गुजरें कानपुर, बरेली, बिहार, लखनऊ ग्वालियर की गलियों में नाना साहिब, कुँवर…

  • भारत का सपूत

    मैं भारत का सपूत , मर मिट जाऊँगा , आंधी आये या तूफान , भारत माँ को बचाऊंगा l हे दिल मैं तमन्ना, कुछ ऐसा कर जाऊँगा, भारत माँ का सर , गर्व से ऊंचा कर जाऊँगा l खा लूंगा सीने पे गोली , अब लहू से खेलनी होली, दुश्मन को मार भगाऊंगा, सर उठा…